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शनिवार, मई 25

मैडम, आप मेकअप क्यों नहीं करती? (अनुवादक - कुमार अहमदाबादी)


कलेक्टर मैडम, मेकअप क्यों नहीं करती
मलप्पुरम जिला कलेक्टर एम एस रानी सोयामोई कॉलेज के विद्यार्थियों से वार्तालाप र रही थी।

   उन्होंने कोई ज्वैलरी नहीं पहनी थी। विद्यार्थी सब से ज्यादा अचंभित इस बात से थे। मैडम ने चेहरे पर पाउडर तक नहीं लगाया था। मैडम ने एक या दो मिनिट वक्तव्य दिया। लेकिन उन का एक एक शब्द अर्थ से भरपूर था।

वक्तव्य के बाद प्रश्नोत्तर हुए।
प्रश्न - आप का नाम व मूल स्थान?
उत्तर - मेरा पारिवारिक नाम रानी है। मैं मूलतः झारखंड से हूं।

चंद प्रश्नों के बाद उन्होंने कहा और कुछ पूछना चाहेंगे?
एक दुबली पतली लडकी ने खडी होकर पूछा *मैडम, आप मेकअप क्यों नहीं करती?

सहसा कलेक्टर मैडम का चेहरा पसीने से तर होकर शून्य में खो गया। चेहरे से मुस्कान लुप्त हो गयी। मैडम को निहार रहे विद्यार्थी व शिक्षक गण भी मौन होकर मैडम को कौतुहल में डूब गये।
मैडम ने पानी की बोतल खोलकर कुछ घूंट लिये। मैडम ने धीमी आवाज में सब को बैठने के लिये कहा; फिर धीरे से बोली
आप के प्रश्न ने मुझे उलझन में डाल दिया है। मैं इस का उत्तर एक दो शब्द या वाक्य में नहीं दे सकती। इस के उत्तर में मुझे आप को मेरी जीवनी सुनानी पडेगी। अगर आप मुझे अपने दस कीमती मिनिट दें तो….
आवाजे उठी हमें सुनाईये हम तैयार हैं।

तो सुनिये,

मैं झारखंड के आदिवासी विस्तार में पैदा हुई थी। इतना कहकर मैडम एक क्षण के लिये रुकी। दर्शकों की तरफ देखा।

मेरा जन्म कोडरमा जिले में एक छोटे से झोंपड़े में हुआ था। वहां अबरक की अनेक खदाने थी। मेरे माता व पिता खदान मजदूर थे। मुज से बडे दो भाई एवं एक छोटी बहन थी। हम सब एक झोंपड़े में रहता था। उस में बरसात के मौसम में पानी रिसता था।
मेरे माता पिता खदान में काम करते थे; क्यों कि उन के पास वहां करने के लिये दूसरा कोई काम नहीं था।
जब मैं चार वर्ष की थी। तब मेरे माता पिता व दोनों भाईयों ने विविध समस्याओं के कारण चारपाइयां पकड़ ली।
उस समय मुझे इतना ही मालूम हुआ की अबरक की खदानों की जानलेवा धूल मिट्टी के कारण उन्हें शारीरिक समस्याएं हुई थी।
जब मैं पाच वर्ष की थी। मेरे दोनों भाईयों का उन समस्याओं के कारण अवसान हो गया।

कलेक्टर मैडम दो मिनिट के लिये चुप हुयी। डबडबाई आंखों को रुमाल से पोंछा।
उस समय सादा पानी व दो रोटी हमारा खाना था।

डॉक्टर तो दूर की बात है। मेरे गांव में पाठशाला भी नहीं थी। क्या आप एसे गांव के बारे में  कल्पना कर सकते हैं। जहां पाठशाला ना हो, अस्पताल ना हो, बिजली ना हो, अरे शौचालय तक ना हो!

एक दिन मेरे पिता भूख से बेहाल मेरे शरीर को लोहे के पतरे से ढका; फिर उठाया और काम पर चल दिये।
मैं अपने पिता के साथ अबरक की खदान में थी। जो की बहुत पुरानी थी। जिसे खोदा जा रहा था, निरंतर गहरे से गहरे तक खोदा जा रहा था। मुझे वहां उपलब्ध अबरक तक घिसट घिसट कर पहुंचकर उसे लेकर वापस आना पडता था। ये एसा कार्य था; जिसे सिर्फ दस वर्ष तक के बच्चे ही कर सकते थे।
जिस दिन पहली बार मैंने पेट भर खाना खाया था। मुझे उल्टी हो गयी थी; क्यों कि मेरा पेट खाने को पचा नहीं सका था।
जब मैं पहली कक्षा में थी। मैं अबरक इकट्ठा करते समय सांस में जहरीली हवा में लेती थी। वहां भू स्खलन के कारण बच्चों की मौत होना सामान्य घटना थी। इसी तरह प्राण घातक रोगों का होना भी नयी बात नहीं थी।
आठ घंटे काम करने के बाद आप इतना तो कमा ही सकते हैं कि एक बार खाना खा सको। लेकिन मैं भूख और पानी की कमी और सांस लेते समय शरीर में रोज जहरीली हवा जाने के कारण पतली और कमजोर होती जा रही थी।
एक वर्ष बाद मेरी बहन भी खदान में मजदूर बन गयी। हम सब यानि मैं मेरे पिता व बहन के काम करने के कारण हम इतने कम हो गये कि हमें भूखा नही सोना पडता था।
लेकिन भाग्य ने दूसरी तरह डराना शुरू कर दिया। एक दिन मै तेज बुखार की वजह से काम पर नहीं जा सकी। अचानक बरसात आ गयी। खदान धस जाने के कारण हजारों लोग मौत की गोद में गये। उन में मेरे पिता माता व बहन भी थे।
मैडम रानी की आंखों में आंसू छलछलाने लगे। वहां बैठे लोग सांस लेना भूल गये थे। ज्यादातर आंखें छलछला गयी थी। याद रहे मैं तब सिर्फ छह वर्ष की थी।

आखिर कार मैं सरकारी अगती मंदिर पहुंची। वहां मैंने शिक्षा प्राप्त की; और आज एक कलेक्टर के रुप में आप के सामने हूं।
आप को शायद आश्चर्य होगा। मेरी इस जीवनी से मेरे मेकअप न करने का भला क्या संबंध?
सब की तरफ एक नजर घुमाने के बाद वे बोली *मुझे अभ्यास काल के दौरान ये पता चला है कि मैं जो अबरक इकट्ठा करती थी। उस का उपयोग मेकअप के उत्पाद बनाने में भी होता है। मेकअप के कारण चेहरा चमकीला उसी खनिज के कारण दिखता है। जो हम खदान में से निकालते थे
कॉस्मेटिक कंपनियों द्वारा आप को जो उत्पादन मिलते हैं। जिस से चेहरे चमकते हैं। उस के लिये २००००(बीस हजार) बच्चों की जिंदगी को जोखिम में डाला जाता है।
अब आप मुझे बताइये। मैं कैसे मेकअप करुं?
वो कलेक्टर महिला इस घटना के की वर्षों बाद भारतीय गणतंत्र के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजमान हुयी।


शत शत सलाम

महामहिम
भारत देश की राष्ट्रपति
*माननीय
द्रौपदी मुर्मु जी को


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