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गुरुवार, मई 2

हो गया है प्यार (मुक्तक)


 

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भाग्यवान क्या पीते हैं?

छके मदन की छाक, मुदित मदिरा के छाके करत सुरत रण रंग, जंग कर कछु थाके पौढ रहे लिपटाय, अंग अंगन में उरझे बहुत लगी जब प्यास तबहि चित चाहत मुरझे...