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सोमवार, मई 15

राज्य का प्रस्ताव


 
अवसर ये बडा है मत इन्कार करो
मेरे लिए तन मन को तैयार करो
पटरानी बनो मन के साम्राज्य की तुम
इस राज्य के पद को स्वीकार करो
कुमार अहमदाबादी

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी