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शनिवार, मई 6

ये प्यार उषा भी है(रुबाई)

 ये प्यार उषा भी है व संध्या भी है

ये प्यार आशा भी है निराशा भी है

गर प्यार करोगे कभी तो जानोगे

ये सूर्य किरण चंद्र किरण सा भी है

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी