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सोमवार, मई 22

प्याला(रुबाई)


सांसे अब बिखरी बिखरी माला है

प्याले में अब थोड़ी सी हाला है

प्याला खाली होते ही मिट्टी का

प्याला मिट्टी में मिलने वाला है

कुमार अहमदाबादी 

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी