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मंगलवार, मई 9

मधुरानी आ जाओ(मुक्तक)


     मधुरानी मधु प्याला लेकर आ जाओ

लालायित हूं मधुमय करने आ जाओ

मेरी प्यारी साथी हो मधु हो तुम भी

मुझ को मधुमय कर दो मुझ पर छा जाओ

कुमार अहमदाबादी

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जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी