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रविवार, मई 7

नशे में हूं क्या(रुबाई)

 

ये शाम सनम साथ नशे में हूं क्या

ये नैन अदा खास नशे में हूं क्या

ए वक्त जरा ठहर मज़ा लेने दे

ये जाम मधुर प्यास नशे में हूं क्या

कुमार अहमदाबादी

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मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी