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गुरुवार, मई 18

दीदार याद रहा(रुबाई)


 


भूला न कभी प्यार सदा याद रहा
मासूम चमत्कार  सदा  याद  रहा
पूछो न मुझे याद तुझे क्यों है ‘कुमार’
ईश्वर का वो दीदार सदा याद रहा
कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी