Translate

शनिवार, दिसंबर 16

अंगूर की मिठास(मुक्तक)


 

अमरूद की मिठास आहा क्या कहूँ
हाफूस की मिठास आहा क्या कहूँ
कुछ फल सदा मीठे ही लगते हैं ‘कुमार’
अंगूर की मिठास आहा क्या कहूँ
कुमार अहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी