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बुधवार, दिसंबर 6

सच्ची मधुशाला(रुबाई)




 मधुबाला भर दे दोनों का प्याला 

मेरा साथी भी है पीने वाला 

पीकर दर्शन अक्सर ये कहता है 

ये जीवन ही है सच्ची मधुशाला 

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी