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बुधवार, फ़रवरी 14

सवारी(अनुष्टुप छंद)


आ गयी राम सवारी 

सब को राम राम जी

आ रहे हैं मथुरा में

लाडले घनश्याम जी

कुमार अहमदाबादी

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी