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रविवार, फ़रवरी 4

मौसम का नशा (रुबाई)

 आज मौसम में एक मस्ती सी छायी है। सर्दी का असर है। राजस्थानी भाषा में जिसे फूलगुलाबी सर्दी कही जाती है। वातावरण में वैसी सर्दी है। एसी सर्दी में एसे दुल्हे के मन की बात को रुबाई में कहने का प्रयास किया है। जिस की नयी नयी शादी हुयी हो। 


आंखो में शरारत का नशा छाया है

मौसम की नजाकत का नशा छाया है

दुल्हन मिल जाने से प्यासे मन पर

मदमस्त कयामत का नशा छाया है

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी