Translate

मंगलवार, फ़रवरी 15

कुरुक्षेत्र

युग बदल चुका है

पर कुरुक्षेत्र में आज भी 

सत्य और असत्य दोनों में

युद्धोन्माद छाया हुआ है

लेकिन आज के अर्जुन के सारथी

कृष्ण नहीं है

आज सारथी वो गीता है जो

कृष्ण ने अर्जुन को सुनायी थी

वो गीता आज के

आज के कौरवों को 

हणने के लिये आह्वान कर रही है

कौन है आज के कौरव?

बल्कि आज के अर्जुन के शत्रुओं को कौरव कहने से

कौरवों का अपमान होगा

कैसे?

वो एसे की

कौरव अपनी स्त्रियों का चेहरा ढककर 

उन्हें कुरुक्षेत्र में नहीं लाये थे

कुमार अहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी