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गुरुवार, फ़रवरी 10

पति एक प्रयोगशाला

पत्नी ने हल्दीवाला दूध बनाने के लिये दूध को भगोने में डालकर भगोना गैस के चूल्हे पर रखा। गैस चलाया। दूध थोडा गरम होने पर उस में चीनी डाली। मसाला बोक्स खोला और चपटी भर कर हल्दी डाल दी। 

लेकिन अगले ही पल ट्यूबलाइट जली। मैंने हल्दी के बदले......

मन ने कहा दूध को यूं ही बहा देना चाहिये। पर इतना सारा दूध यूं ही बहाने के लिये मन नहीं माना। सोचा जो होगा देखा जायेगा।

गरम होने पर एक कप में डालकर दूध चखा। 

उस के बाद उस दूध को बडे ग्लास में भरकर पतिदेव को पीने के लिये दे दिया। बोली कुछ भी नहीं। वो कम्प्यूटर पर अपना काम कर रहे थे। उन्होंने ग्लास हाथ में लिया और गटागट पी गये। ग्लास मुझे वापस थमा दिया। 

मैंने ग्लास लिया और चुपचाप वहां से खिसक गयी। सचमुच पतिदेव बहुत भोले हैं। उन्हें पता ही नहीं चला की दूध में हल्दी नहीं हींग थी।

अनुवादक - कुमार अहमदाबादी

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मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी