आज इस पल इस घडी
स्टूडियो सिसक रहा है
सितार चौधार आंसू बहा रही है
तबले के आंसू सूख गये हैं
वायोलिन को होश में लाने के प्रयास स कौन करे?
ढोलक गुमसुम है
वीणा स्तब्ध है, पखवाज सदमे में है
माइक मौन साधे खडा है
हां,
इन सब की आंखों में जो
अपने परिवार के सदस्य से बिछडने की वेदना है
वो भी अपने आप को भावुक होने से रोकने में असमर्थ है
कुमार अहमदाबादी
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