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शुक्रवार, फ़रवरी 18

गाय माता

गाय को माता कहोगे आज से 

मात की पूजा करोगे आज से 

इतनी सी गर बात तुमने मान ली

ना किसी से तुम डरोगे आज से

कुमार अहमदाबादी

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी