भारत एक सांस्कृतिक पुष्पगुच्छ है। जिस में भांति भांति के पुष्प सजे हैं। सारे पुष्पों को देखें तो एसा लगता है। वे अपने आप में एक एक इंद्रधनुष को समाये हुये हैं; और आप तो जानते ही होंगे।
इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं; सात रंग जो जीवन के हर भाव को उतार चढाव को, लोक संस्कृति को इतिहास को तथा और न जाने क्या क्या समेटे हुये हैं। कश्मीर की केसर और पंजाब के भंगडा से दक्षिण के कथकली एवं पश्चिम के रण एवं गरबों से लेकर पूर्व के मणिपुरी नृत्य एवं आसाम के बीहू तक न जाने कितनी संस्कृतियां सांस लेती है न जाने कितने उत्सव झूमते हैं गाते है। ये सब एसे पुष्प है जो सदियों से विश्व को सुगंधित कर रहे है। ये सब तो सांस्कृतिक पुष्पगुच्छ में हाजिर चंद पुष्पों की विशेषताएं हैं।
सब की विशेषता को शब्दों से सजाने लगें तो, शब्द कम पड जायेंगे।
लेकिन,
भारत रुपी सांस्कृतिक पुष्पगुच्छ के पुष्पों की विशेषता बतानी बाकी रह जायेगी। इसलिये आप के पास जो पुष्प है आप उस की सुगंध का आनंद लीजिये। आप को आनंदरस पीता देखकर समय आप को समय समय पर प्रत्येक पुष्प के रंग रुप और सुगंध से झर रहे आनंदरस को पीने का अवसर देगा।
कुमार अहमदाबादी
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