महमूद दारविश(पेलेस्टीनियन कवि) की रचना का भावानुवाद
घोषणा होगी
युद्ध के समाप्त होने की
दोनों प्रमुख नेता हाथ मिलायेंगे
मुस्कुराते हुये तस्वीर खिंचवाएंगे
शांति की महिमा गायी जायेगी
लेकिन गांवों और शहरों में जो
दादीयां, नानियां, माताएं, पत्नियां, बहनें बेटियां
और नन्हें मुन्ने फूल
व्याकुल मन से बेचैन नजरों से
दादा, पिता, पति, पुत्र, भाई की
प्रतीक्षा कर रही हैं
उन में से किस प्रतीक्षा समाप्त होगी
किस की आजीवन में बदल जायेगी
कौन जाने किसने क्या कीमत चुकाई है
हां, मैं ये कह सकती हूँ
मैंने क्या चुकाया है
क्यों कि मैं भी एक माँ हूँ
धरती माँ
(भावानुवाद - कुमार अहमदाबादी)
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