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मंगलवार, अगस्त 29

अब तो सुण लो बाबा म्हारी (बाबे रो भजन)

 तर्ज

नगरी नगरी द्वारे द्वारे


अब तो सुण लो बाबा म्हारी बीते रे उमरिया

चरण शरण में आया थारी लेवोनी खबरिया

रोज सवेरे बाबा थांने, जल अस्नान कराउं रे - 2

केसरिया जामे रे उपर, पिचरंगी पाग पेहराउं रे -2

अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........


केसर रो थांरे तिलक लगाकर, फूलां री माळा पेहराउं रे - 2

केळा पेड़ा श्रीफळ रो थारे, रुच रुच भोग लगाउं रे - 2

धूप दीप सूं करुं रे आरती, अजमल रा कंवरिया

अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........


राम सरोवर प्यारो लागे, मंदिर री छवि न्यारी रे - 2

लीले घोडे री असवारी, म्हाने लागे प्यारी रे - 2

आंधा ने थे आंख्या देवो, रामदेव सांवरिया 

अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........


घणां दिनां सूं आशा लग रही, बाबा थांने टेर टेर - 2

हाथों री अंगुलियां दुख रही, माळा थारी फेर फेर - 2

भजन मंडळी थांने ध्यावे, डालो नी नजरिया

अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........

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