तर्ज
नगरी नगरी द्वारे द्वारे
अब तो सुण लो बाबा म्हारी बीते रे उमरिया
चरण शरण में आया थारी लेवोनी खबरिया
रोज सवेरे बाबा थांने, जल अस्नान कराउं रे - 2
केसरिया जामे रे उपर, पिचरंगी पाग पेहराउं रे -2
अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........
केसर रो थांरे तिलक लगाकर, फूलां री माळा पेहराउं रे - 2
केळा पेड़ा श्रीफळ रो थारे, रुच रुच भोग लगाउं रे - 2
धूप दीप सूं करुं रे आरती, अजमल रा कंवरिया
अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........
राम सरोवर प्यारो लागे, मंदिर री छवि न्यारी रे - 2
लीले घोडे री असवारी, म्हाने लागे प्यारी रे - 2
आंधा ने थे आंख्या देवो, रामदेव सांवरिया
अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........
घणां दिनां सूं आशा लग रही, बाबा थांने टेर टेर - 2
हाथों री अंगुलियां दुख रही, माळा थारी फेर फेर - 2
भजन मंडळी थांने ध्यावे, डालो नी नजरिया
अब तो सुण लो बाबा म्हारी.........
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