आयो भादवो भले रो, मनडे रो मोर नाचे
बाबा रे पाळा चालो, बाबो थांरी डोर खेंची
आयो भादवो......
1
वीर है कळयुग में साचा, देवे है पग पग पर परचा
नाम बाबे रो ले टुर जा, करो बाबे री सब चर्चा
ओ तो धाम रुणिचे वाला, मनडे री पोथी बाचे
आयो भादवो......
2
आ दुनिया बाबे ने पूजे, जयकारो जोरों सूं गूंजे
ध्वजा रो दरसन करता ही, भाव अंतर मन भीजे
थारो दुखडो बे सुणेला, मनडे ने क्यों भींचे
आयो भादवो ......
3
करोड़ों यात्री आवे, मनसा पूर्ण हो जावे,
पाय जनमारो वे धोवे, बीज नेकी रा वे बोवे
थारी बावडी रे पाणी सूं धर्म बेल ने भींचे
आयो भादवो ......
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