तर्ज- बन्ना रे बागां में
भाई रे बाबा री माळा फेरो
सांचे हिवडे सूं सांचे मनडे सूं सांचे हिवडे सूं
माळा फेरो म्हारा प्यारा भायला
1
भाई रे हाथ में माळा थांरे -2
थारी आंख्यां ओ थारी निजरां ओ थांरो चितडो
इत उत डोले म्हारा प्यारा भायला
2
भाई रे माळा में मनडो नी लागे -2
कद माळा कदे कपड़ा कदे घडी घडी घडियां
नाराज म्हारा प्यारा भायला
3
भाई रे थारी आंख्यां थीर ना रेवे -2
थे पळ पळ थे क्षिण क्षिण थे तो झटपट
आसन बदलो म्हारा प्यारा भायला
4
भाई रे काँच में मूंडो निरखे -2
थारी चेतना में थारी आत्मा ने थारे ज्ञान ने
क्यूं नी निरखे म्हारा प्यारा भायला
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