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शुक्रवार, अगस्त 25

बाबा रे दरसण री तो प्यासी है नजरिया(भजन)


तर्ज - खम्मा हो धणियां

बाबा रे दरसण री तो प्यासी है नजरियां
कब देवोला म्हांने दरसणीयां -2-
                     हो म्हारा रुणिचे रा धणियां_
1.
दरसण री प्यास लिये, मन में विश्वास लिये
धूप दीप नैवेध बाबा, धोळी धजा हाथ लिये
द्वारे खड़ा है थारा टाबरिया..................हो म्हारा रुणिचे रा धणियां

2.
भगतां री पीड सुण, रामा पीर आया है
दरसण थांरा पाकर टाबरिया हरषाया है
धन्य हुआ है म्हारा जीवनियां................हो म्हारा रुणिचे रा धणियां

3.
द्वारका रा नाथ थांने घणी घणी खम्मा जी
भगती मुक्ति म्हांने दे दो गलती कर दो क्षमा जी
ले लोनी बाबा म्हांने शरणियां...............हो म्हारा रुणिचे रा धणीयां

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