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गुरुवार, अगस्त 31

गुलाबी कोमलांगी सुंदरी(मुक्तक)


देह हीना है गुलाबी कोमलांगी सुंदरी
मुस्कुराते होठ मादक है मीनाक्षी सुंदरी
फूल पत्ती से सजा है बेल बूटों सा बदन
भाग्य में किस के ये होगी भाग्यशाली सुंदरी
कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी