मैं तो भिखारी बाबा तेरे द्वार का*
(भजन)
तर्ज - अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का
मैं तो भिखारी बाबा तेरे द्वार का
टूटा हुआ फूल हूं मैं तेरे हार का
बड़ी आशा लेके दाता तेरे पास आया हूं
हाल क्या सुनाऊं सारे जग का सताया हूं
भूखा हूं मैं बाबा तेरे प्यार का
दानी तेरे जैसा और नहीं कोई दूजा है
इसीलिए घर घर होती तेरी पूजा है
दुख हरते हो दुखी लाचार का
टूटा हुआ फूल हूं तेरे हार हार का
तुम्हीं हो किनारा और तुम्हीं मझधार हो
नैया मेरी डूबे नहीं तुम्हीं खेवणहार हो
टूटे ना उम्मीद मेरे एतबार का
टूटा हुआ फूल हूं तेरे हार का
आते हैं सवाली जो भी उन की झोली भरते हो
किसी को भी खाली नहीं दर से टाल देते हो
मेरी भी झोली भर दो सेवक हूं आप का
टूटा हुआ फूल हूं तेरे हार का
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