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शुक्रवार, अप्रैल 21

मत दुखाया कीजिए


मन किसी का मत दुखाया कीजिए

प्रेम का दीपक जलाया कीजिए


रास्ते में प्रेम यात्री के सदा

फूल और चंदन बिछाया कीजिए


तोड़ना अच्छा नहीं है फूल को

माली का दिल मत दुखाया कीजिए


खर्च करना बात अच्छी है मगर

चार पैसे भी बचाया कीजिए


घोलकर संस्कार घुट्टी में ‘कुमार’

रोज बच्चों को पिलाया कीजिए

कुमार अहमदाबादी

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी