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शुक्रवार, अप्रैल 21

राष्ट्र निर्माण(मुक्तक)


राष्ट्र के निर्माण में तन मन लगाना चाहिये

बीस में से एक पैसे को बचाना चाहिये

देश है तो धर्म है औ’ देश है तो कर्म है

कर्म एवं धर्म में मन को लगाना चाहिये

*कुमार अहमदाबादी* 

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी