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गुरुवार, अप्रैल 20

मत दुखाया कीजिए (ग़ज़ल)

 मन किसी का मत दुखाया कीजिए

प्रेम का दीपक जलाया कीजिए


रास्ते में प्रेम यात्री के सदा

फूल औ’ मोती बिछाया कीजिए


तोड़ना अच्छा नहीं है फूल को

माली का मन मत दुखाया कीजिए


खर्च करना बात अच्छी है मगर

चार पैसे भी बचाया कीजिए


घोलकर संस्कार घुट्टी में ‘कुमार’

रोज बच्चों को पिलाया कीजिए

कुमार अहमदाबादी 

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी