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मंगलवार, अप्रैल 11

श्वेत हिरनी दिल ले गयी (मुक्तक)

राधिका ने गीत गाया प्रेम का

बांसुरी ने राग छेड़ा प्रेम का

रागधारा प्रेमधारा यूं बही

की बहा गगरी से झरना प्रेम का

*कुमार अहमदाबादी*

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी