वैष्णोदेवी मंदिर के बाद यात्रळु एस.जी.हाइवे पर नये बने जगन्नाथ जी मंदिर के दर्शन करने पहुंचे। एसजी हाइवे पर स्थित जगन्नाथजी का मंदिर एकदम नया है। यात्राळुओं में से शायद ही किसी को इस मंदिर के बारे में पहले से मालूम होगा। जगन्नाथ मंदिर में जो मूर्तियां है। एसा लगता है वो जमालपुर मंदिर की प्रतिकृति है। मंदिर-यात्रा के दौरान बसों में एकदम धार्मिक वातावरण बन गया था। यात्री भजन गाकर भक्तिरस पी रहे थे। धीरे धीरे यात्रा एक के बाद एक मंदिर तक पहुंचती रही। यात्री दर्शन करते रहे। यात्रियों को यात्रा के दौरान बस में ही और बाहर अल्पाहार और आलू की सब्जी और पूडी का सादा भोजन और पानी उपलब्ध करवाया गया। उस से पहले यात्रा के दौरान दूसरे या तीसरे मंदिर के दर्शन के स्थल पर चाय, कॉफी व बिस्कुट का नाश्ता दिया गया। यात्रियों ने यात्रा के दौरान एक के बाद जिन मंदिरों में दर्शन लाभ लिये। उन मंदिरों की सूचि इस प्रकार है।
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*श्री धर्म आनंद यात्रा में जिन मंदिरो के दर्शन किये उनकी सूची,*
1. श्री तिरुपति बालाजी मंदिर, एसजी हाइवे
2. श्री वैष्णों देवी मंदिर,एसजी हाइवे
3. श्री जगन्नाथ मंदिर, अडालज
4. श्री अन्नपूर्णा देवी मंदिर,अडालज
5. श्री प्रभा हनुमानजी मंदिर,जमीयत पूरा
6. श्री त्रि मंदिर, जमीयत पूरा
7. श्री सोला भागवत विद्यापीठ, एसजी हाईवे
8. श्री सोमनाथ महादेव, भाडज
9. श्री हरे कृष्ण मंदिर,भाडज
10.श्री इस्कॉन मंदिर, एसजी हाइवे
11. श्री सोमनाथ महादेव मंदिर,नारोल पिराणा रोड
12. श्री बलिया बाप मंदिर,लाम्भा गाम
13. श्री जगन्नाथ जी मंदिर ,जमालपुर
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चूंकि समय पूरा हो रहा था। एएमटीएस के नियमानुसार निश्चित समय में जितने मंदिरों के दर्शन का लाभ मिला। उतना लाभ लेने के बाद मंदिर-यात्रा की बसें वापस समाज की वाडी की तरफ रवाना हुयी। वैसे ये भी क्या कम है कि एक दिन में संख्या में इतने सारे मंदिरों में जाकर परमात्मा के दर्शनों का लाभ मिला। परमात्मा का दर्शन सब से बडा प्रसाद होता है। वो प्रसाद लेकर और साथ ही साथ कुछ मीठी यादें लेकर हम वापस समाज की वाडी पर पहुंचे। वहां सब ने एक ग्रुप फोटो खिंचवाया। ग्रुप फोटो खिंचवाने के बाद सब अपने अपने गृहमंदिर( मेरी राय में परमात्मा के मंदिर के बाद घर सब से बडा मंदिर होता है) की तरफ रवाना हुए।
*कुमार अहमदाबादी*
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