Translate

सोमवार, जनवरी 31

फूलों से स्वागत

 प्यासी शाम और नयनों में आंसू

प्याले में मदिरा होठों पर मुस्कान 

जब यादों के द्वार पय आओगे तुम

इन्हीं फूलों की माला पहनाउंगा

कुमार अहमदाबादी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी