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सोमवार, जनवरी 1

पीनी है तो शान से पी(रुबाई)


 गर पीनी है सुरा तो शान से पी

मर्यादा में पी और सम्मान से पी

बेहद पीकर हंगामा मत कर

अपने पैसे से पी व ईमान से पी

कुमार अहमदाबादी 

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मीठी वाणी क्यों?

  कहता हूं मैं भेद गहन खुल्ले आम  कड़वी वाणी करती है बद से बदनाम  जग में सब को मीठापन भाता है  मीठी वाणी से होते सारे काम  कुमार अहमदाबादी