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गुरुवार, जनवरी 25

बनती है राग मालिकाएं(रुबाई)



मनमोहक आंख कथकली करती है

सांसों से राग रागिणी बजती है

बनती है राग मालिकाएं नूतन

साजन से जब भी प्रेमिका मिलती है

कुमार अहमदाबादी 


 

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मुलाकातों की आशा(रुबाई)

मीठी व हंसी रातों की आशा है रंगीन मधुर बातों की आशा है  कुछ ख्वाब एसे हैं जिन्हें प्रीतम से मदमस्त मुलाकातों की आशा है  कुमार अहमदाबादी