Translate

गुरुवार, जनवरी 4

सददुआएं(मुक्तक)



बावफा की हिचकियां संगीत बनती है

और उस की सददुआएं गीत बनती है

साथ लेकर ताल का जब गूंजती है तो

चाहकों के मन का वो मनमीत बनती है

कुमार अहमदाबादी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी