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बुधवार, जनवरी 24

राग जयजयवंती (शंकर जयकिशन और मदन मोहन का)

सिने मेजिक

मूल गुजराती लेखक = अजित पोपट

(संक्षेपानुवाद)



(राग जयजयवंती शंकर जयकिशन और मदन मोहन का )

पार्श्व गायक या गायिका जिस अभिनेता या अभिनेत्री के लिए गीत गाते हैं. वो अभिनेता या अभिनेत्री अगर संगीत का जानकार हों तो सोने में सुगंध मिल जाती है. लता मंगेशकर को एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि अगर आप को किसी पुरुष कलाकार के लिए गाना हो तो आप किस के लिए गाना पसंद करेंगी? लताजी ने बिना हिचके जवाब दिया की दिलीप कुमार के लिए और जब अभिनेता या अभिनेत्री संगीत के अभ्यासी हो तो संगीतकार के लिए तर्ज़ बनाना एक चुनौतीभरा काम हो जाता है. लेकिन सृजनात्मक संतोष भी मिलता है.
आज बात करते है राग जयजयवंती की. सीमा मूवी का 'मनमोहना बड़े जूठे ' राग जयजयवंती पर बना एक लाजवाब गीत है. इस गीत को संगीतकार शंकर-जयकिशन ने स्वरबद्ध किया है.
सीमा मूवी में पारिवारिक संजोगों के अधीन; अपनी अस्मत बचाने के लिए खून करनेवाली लड़की की कहानी है. जो किसी के काबू में नहीं रहती. जिसे रिमांड होम में रखा जाता है. बलराज साहनी ने गृहपति और अल्हड़ युवती की भूमिका नूतन ने निभाई थी.
मनमोहना गीत को नूतन पर फिल्माया गया था. नूतन खुद भारतीय शास्त्रीय संगीत की अभ्यासी और गायिका थी. इसलिए उस गीत पर अभिनय करना उस के लिए आसान था. उस गीत में शंकर-जयकिशन ने सितार, तबले और मृदंग का बेगतरीन प्रयोग किया था. हालांकि प्रयोगों के कारण गीत कुछ मुश्किल भी हो बन गया था. नूतन की जगह कोई और अभिनेत्री होती तो निर्देशक कल लॉन्ग शॉट से काम चलाना पड़ता. लेकिन चूँकि नूतन खुद संगीत की जानकार थीं इसलिए निर्देशक ने क्लोज़ शॉट भी लिए थे. बेहतरीन स्वरनियोजन और उस पर नूतन के लाजवाब अभिनय के कारण वो गीत जैसे गुलाब की तरह खिल गया है. छह मात्रा के दादरा ताल में बने गीत में लताजी ने अपनी गायकी से चार चाँद लगा दिए हैं.
दूसरी तरफ उन्हीं शंकर-जयकिशन ने राग जयजयवंती पर आधारित दूसरा प्रयोग जो किया. वो जरा अलग प्रकार का था. शंकर-जयकिशन ने कवि शैलेन्द्र द्वारा निर्मित तीसरी कसम के लिए भी एक गीत राग जयजयवंती पर बनाया था. वो गीत भी लताजी ने गाया था. जो की दादरा से मिलते जुलते ताल हींच ताल में था. वो गीत था 'मारे गये गुलफ़ाम....' इस गीत में स्वरों औऱ शब्दों का वजन अलग अलग था. ये गीत ने अपना एक अलग प्रभाव छोड़ता है.
इस कोलम के लेखक यानि अजित पोपट को राग जयजयवंती पर बना. जो गीत सबसे ज्यादा पसंद है. वो ताजमहल मूवी के लिये कव्वाली के रंग में बना गीत 'चाँदी का बदन सोने की नजर, उस पर ये नजारा क्या कहिये'

मूल लेखक- अजित पोपट
(लेख का ये संक्षिप्त स्वरूप है)

अनुवादक- महेश सोनी 

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