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शनिवार, जुलाई 15

लव जिहाद के किस्से क्यों बढ़ रहे हैं (पार्ट 1)


लेखिका – मीरा व्यास

अनुवादक – महेश सोनी


आप को क्यों कोई ठग जाए प्यार में इतनी अंधी मत बनिये की आप को कोई ठग सके. आज कल लव जिहाद के किस्से बहुत बढ़ रहे हैं, क्यों?


मैंने एक किस्से में पढ़ा था कि अतिक ने आरव नाम रखा था. लेकिन हिंदू नाम हो फिर भी हमारे समाज की बहनें अंधा विश्वास कर के मित्र बनाती है. धीरे धीरे यही मित्रता प्रेम में परिवर्तित होती है. कुछ दिनों पहले भरूच शहर का एक किस्सा जाहिर हुआ था. 

हिंदू समाज की शिक्षित व नौकरी कर रही बेटी ने बताया था कि मेरे बॉस ने मेरी पहचान आरव से करवाई थी. उस से शादी करने के लिए मम्मी पापा के साथ बातचीत करने के लिए कहा. लेकिन आरव हो या अतीक किसी को जाने पहचाने बिना शारीरिक संबंध के लिए कैसे तैयार हो जाती है? मुझे ये समझ में नहीं आता कि जिस माता पिता के साथ तेईस वर्षों से रह रही है. एक पल के लिए उन का विचार नहीं करती. माता पिता को बताए बिना चोरी छुपे रजिस्टर मैरिज कर लेती है. मेरी राय में जो बेटी माता पिता को अंधेरे में रखकर प्रेम लीला रचा सकती है. उन की आंखों में धूल झोंक सकती है. वो कतई उचित नहीं है. जब तक सब कुछ सही चलता है. तब तक सदा चांदनी रात होती है. लेकिन जब रातें काली होने लगती है और सत्य सामने आता है या समझ में आता है. तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. मैं बेटियों से कहना चाहती हूं. प्रेम में जल्दबाजी मत कीजिए. हर पीली चीज सोना नहीं होती. मेरी नासमझ बहनों आप सत्य को समझिए. मित्रता कीजिए लेकिन आंखें मूंदकर कभी किसी का विश्वास मत कीजिए. माना की विधर्मी युवक चंदन का तिलक व हाथ में कलावा बांध कर आते है. लेकिन क्या क्या हिंदू धर्म की युवतीओं को अपने धर्म की गहन जानकारी नहीं लेनी चाहिए.

अनुसंधान जारी है

लेखिका – मीरा व्यास

अनुवादक – महेश सोनी

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