Translate

शनिवार, जुलाई 15

आजा साजन आजा रे(गीत)


आजा सावन आजा रे

सब को भिगोने आजा रे

आजा सावन आजा रे

खुशियों को लेकर आजा रे....आजा सावन आजा रे 


खेतों में मल्हार गाकर

किसान तुझ को बुलाते हैं

शहरों के व्यापारी भी

बेसब्री से तुझ को बुलाते हैं.... आजा सावन आजा रे 


बीज धरती के भीतर 

बेसब्री से राह तेरी देखते हैं

बच्चे धरती के ऊपर 

बेचैनी से राह तेरी देखते हैं......आजा सावन आजा रे 

कुमार अहमदाबादी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मीठी वाणी क्यों?

  कहता हूं मैं भेद गहन खुल्ले आम  कड़वी वाणी करती है बद से बदनाम  जग में सब को मीठापन भाता है  मीठी वाणी से होते सारे काम  कुमार अहमदाबादी