Translate

शनिवार, जुलाई 15

नूंवो साल(राजस्थानी ग़ज़ल)


आज जासी काल आसी 

काल नूंवो साल आसी    


बात समझो घाव लाग्यों  

खून सब रे लाल आसी   


सुण दीवानी आज थारे    

होठ कन्ने गाल आसी       


प्रेम सूं हेलो करियों          

धोती पे'रर लाल आसी   


तीर जद जद तूं चलासी    

तीर सामे ढाल आसी      

कुमार अहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी