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सोमवार, जुलाई 17

तन्हाई का अफसाना(रुबाई)


तन्हाई का छोटा सा अफसाना

खाली बोतल है गुमसुम दीवाना

मन है खाली जीवन भी है खाली

फिर क्यों खाली ना होता पैमाना 

कुमार अहमदाबादी

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चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी