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सोमवार, जुलाई 17

पूर्व प्राथमिक शिक्षा कितनी जरुरी है?–01 (अनुदित लेख)

अनुवादक – महेश सोनी

ये बिल्कुल जरुरी नहीं है। बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करे उस से पहले उसे विधिसर पढ़ाया जाये। आज से वर्षों पहले प्ले ग्रुप या नर्सरी वगैरह नहीं होते थे। इस के बावजूद बच्चे शिक्षा प्राप्त करने में पिछड़ते नहीं थे। कुछ अनुभव एसे हैं। जो बच्चे द्वारा विधिवत शिक्षा प्राप्त करने से पहले प्राप्त करने जरुरी हैं। बच्चा इन अनुभवों को प्राप्त करता भी है। उदाहरण......पांच वर्ष की उम्र तक बच्चा किसी प्ले ग्रुप या बाल शिशु मंदिर में गये बिना अंदाजन 2500 शब्दों का भंडार इकठ्ठा कर लेता है। जब कि नये क्षमताधिष्ठित अभ्यासक्रम में ये अपेक्षा रखी गयी है। बच्चे में पहली कक्षा के बाद 1500 शब्दों के अर्थ को ग्रहण करने की क्षमता होनी चाहिये। इस सोच के अनुसार बच्चा पहली कक्षा में आने तक रोजमर्रा के जीवन में वाणी और व्यवहार से इतना शब्द भंडार प्राप्त कर लेता है। एसे में ये होता है। बच्चे को अंग्रेजी माध्यम की पाठशाला में दाखिला दिलाया जाने पर उसे शिक्षा प्राप्त करने की शुरुआत जीरो से करनी पड़ती है। 

हिम्मतभाई महेता द्वारा लिखित पुस्तक "बाल्यावस्था और कुमारावस्था की शिक्षा समस्याएं" (प्रकाशक – बालविनोद प्रकाशन द्वारा प्रकाशित) किताब के पहले प्रकरण "पूर्व प्राथमिक शिक्षा केटली जरूरी?" के पहले पेरेग्राफ की कुछ पंक्तियों का अनुवाद

(अनुवाद जारी है)

अनुवादक – महेश सोनी

हिम्मतभाई महेता लिखित पुस्तक "बाल्यावस्था व कुमारावस्था की शिक्षा समस्याएं" (प्रकाशक –बालविनोद प्रकाशन द्वारा प्रकाशित) किताब के पहले प्रकरण "पूर्व प्राथमिक शिक्षण केटलुं जरुरी?" के कुछ पेरेग्राफ का अनुवाद


अनुवादक – महेश सोनी


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