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रविवार, जुलाई 16

कौन हूं मैं क्या लाया हूं


कौन हूं मैं और क्या मैं लाया हूं?

जाऊंगा तब छोड़ के क्या जाऊंगा?


धरा हूं मैं परिवार लेकर आई हूं

जाऊंगी तब आंसू छोड़ के जाऊंगी


हवा हूं मैं सांस लेकर आई हूं

जाऊंगी तब विनाश छोड़ के जाऊंगी


पानी हूं मैं जीवन लेकर आया हूं

जाऊंगा तब मौत छोड़ के जाऊंगा


जीव हूं मैं शरीर लेकर आया हूं

जाऊंगा तब मिट्टी छोड़ के जाऊंगा


फूल हूं मैं रंग–रुप लेकर आया हूं

जाऊंगा तब सुगंध छोड़ के जाऊंगा


शून्य हूं मैं गणित लेकर आया हूं

जाऊंगा तब उलझन छोड़ के जाऊंगा


वक्त हूं मैं इतिहास लेकर आया हूं

जाऊंगा तब इतिहास छोड़ के जाऊंगा


ज्ञान हूं मैं शांति लेकर आया हूं

जाऊंगा तब मौन छोड़ के जाऊंगा


कुमार हूं मैं शब्द लेकर आया हूं

जाऊंगा तब कविता छोड़ के जाऊंगा

कुमार अहमदाबादी

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