Translate

शनिवार, जुलाई 15

मत दुखाया कीजिये (ग़ज़ल)


मन किसी का मत दुखाया कीजिए

प्रेम का दीपक जलाया कीजिए


रास्ते में प्रेम यात्री के सदा

फूल और चंदन बिछाया कीजिए


तोड़ना अच्छा नहीं है फूल को

माली का दिल मत दुखाया कीजिए


खर्च करना बात अच्छी है मगर

चार पैसे भी बचाया कीजिए


घोलकर संस्कार घुट्टी में ‘कुमार’

रोज बच्चों को पिलाया कीजिए

कुमार अहमदाबादी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी