Translate

शनिवार, जुलाई 15

भोजन समारंभ का दृश्य (मुक्तक)


मूंग चीनी घी का जलवा देखता हूं

आज कल सपनों में हलवा देखता हूं

लोग खाना खा रहे हैं मस्त होकर

एक दो के हाथ में करवा देखता हूं

कुमार अहमदाबादी

(करवा पानी पीने के एक राजस्थानी बर्तन का नाम है)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

चल जल्दी चल (रुबाई)

  चल रे मन चल जल्दी तू मधुशाला  जाकर भर दे प्रेम से खाली प्याला मत तड़पा राह देखने वाली को  करती है इंतजार प्यासी बाला  कुमार अहमदाबादी