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शनिवार, जुलाई 15

गोरस की बोतल(रुबाई)


मेरी जीवन साथी है ये बोतल

सच्ची जीवनदायी है ये बोतल

यारों आओ बैठो तुम भी पी लो

गोरस से तर प्यारी है ये बोतल

कुमार अहमदाबादी

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बेमौसम बरसात (रुबाई)

जब जब होती है बेमौसम बरसात  शोले बन जाते हैं मीठे हालात  कहती है बरसात आओ तुम भीगो हौले हौले फिर भीगेंगे जज़बात  कुमार अहमदाबादी