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शनिवार, जुलाई 15

श्रीमती को पत्र (काल्पनिक)

प्रिय श्रीमती, 

पति पत्नी जीवन में कई दौर से गुजरते हैं। शादी होते ही एक दूसरे को अपनी योग्यता से प्रभावित करने का दौर पहला होता है। पति अपने गुणों से जिस में सब से महत्वपूर्ण कमाने का गुण होता है। प्रभावित करने का प्रयास करता है। पति को प्रभावित करने के पत्नी के पास जो सब से महत्वपूर्ण गुण होता है। वो पाक कला यानि स्वादिष्ट रसोई बनाने की कला होती है। अक्सर कहा जाता है पति के दिल को जितने का रास्ता पेट से होकर गुजरता है। 

कई बार एक दूसरे को प्रभावित करने के लिए अपनी हर बात को सच साबित करने का जुनून या दौर भी आता है।

लेकिन ये सब उस समय की स्थितियां हैं। जब दोनों का शादीशुदा जीवन शुरू होता है।

हम दोनों इस दौर से बहुत आगे निकल आए हैं। 

अब हम कोई काम करते हैं तो एक दूसरे को प्रभावित करने के लिए या अपनी ही बात सच साबित करने के लिए नहीं करते। हमारे लिए वो दौर बीत गया।

अब हम जब एक दूसरे को कोई बात कहते हैं या एक दूसरे के सामने किसी बात पर अड़ जाते हैं: तो इसलिए अड़ जाते हैं कि वो परिवार के या हमारे या परिवार के किसी न किसी के हित के होता है।

पत्र लेखक

तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा

कुमार अहमदाबादी

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  कहता हूं मैं भेद गहन खुल्ले आम  कड़वी वाणी करती है बद से बदनाम  जग में सब को मीठापन भाता है  मीठी वाणी से होते सारे काम  कुमार अहमदाबादी