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मंगलवार, जुलाई 18

सब ने घेरा है(रुबाई)

माया ममता ने सब को घेरा है

कहते हैं ये मेरा वो तेरा है

लेकिन सच ये है की इस धरती पर

ना कुछ तेरा है ना कुछ मेरा है

कुमार अहमदाबादी

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मीठी वाणी क्यों?

  कहता हूं मैं भेद गहन खुल्ले आम  कड़वी वाणी करती है बद से बदनाम  जग में सब को मीठापन भाता है  मीठी वाणी से होते सारे काम  कुमार अहमदाबादी